किचन, हॉल, बेडरूम बाकी सब सामसुम। किचन, हॉल, बेडरूम बाकी सब सामसुम।
आनन में, कजरन में, हिय में हुलास सखि रतिकांत से कोई न बच पाय ! आनन में, कजरन में, हिय में हुलास सखि रतिकांत से कोई न बच पाय !
आया ऋतुराज बसंत गुदगुदाने, सुखद अनुभूति जगाने लेकर सुरभित पुलकित मंद बयार, करने झंकृ आया ऋतुराज बसंत गुदगुदाने, सुखद अनुभूति जगाने लेकर सुरभित पुलकित मंद बयार,...
सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान। सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान।
रोम-रोम पुलकित हो जाए जब सगर धरा बसंत रितु छाए। रोम-रोम पुलकित हो जाए जब सगर धरा बसंत रितु छाए।
शब्द को नव अर्थ देने की क्रिया में- पस्त हूँ मैं, क्योंकि कविता लिख रहा हूँ। शब्द को नव अर्थ देने की क्रिया में- पस्त हूँ मैं, क्योंकि कविता लिख रहा हूँ।